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मध्यम काली मिट्टी

 

मध्यम काली मिट्टी 

मध्यम काली मिट्टी aapno bharat
मध्यम काली मिट्टी 

  •  राज्य के दक्षिणी-पूर्वी भागों विशेषकर झालावाड़, बूंदी, बाराँ, कोटा आदि जिलों में यह मिट्टी दोमट (मटियार) के रूप में मिलती है।
  •  इस क्षेत्र की नदी-घाटियों में काली एवं कछारी मिट्टियों के मिश्रण पाये जाते हैं।
  • सामान्यतया इस मिट्टी में फॉस्फेट, नाइट्रोजन व जैविक पदार्थ की  कमी होती है लेकिन केल्सियम तथा पोटाश की अधिकता रहती है।  
  • यह मिट्टी कपास, सोयाबीन, अफीम एवं संतरे के उत्पादन हेतु विशेष उपयोगी है।

medium black soil

• This soil is found in the form of loam (Matiyar) in the south-eastern parts of the state especially in the districts of Jhalawar, Bundi, Baran, Kota etc.
• Mixtures of black and alluvial soils are found in the river valleys of this region.
• Generally this soil is deficient in phosphate, nitrogen and organic matter but calcium and potash are in excess.
• This soil is particularly useful for the production of cotton, soybean, opium and orange.