महत्वपूर्ण पर्वत श्रृख्ंला
कारकोरम श्रृंखला:-
- पामीर से लेकर पुर्व मे गिलगिट नदी पर स्थित है यह 600 मीटर लंबा व 120-140 मीटर चौडा है
- प्राचीन नाम कृष्णनगरी है
- सियाचिन बाल्टोरा बियाफो तथा हिस्यर ये चारो काराकोरम मे सबसे बडे हिंमखंड है
- उच्चतम चोटी गॉड़विन ऑस्टिन 8611 मीटर है
- अन्य महत्वपुर्ण चोटियाँ- गाशेरबु्रम या गुप्त चोटी, चौड़ी चोटी तथा गाशेरब्रुरम 2
- विश्व की सबसे बडी ढाल वाली चोटी राकापोशी यहीं स्थित है।
- काराकोरम श्रृंखला की उतरोतर सीमा पामीर, अघिल पर्वत तथा यारकंद नदी है तथा दक्षिणोतर सीमा सिंधू नदी तथा इसकी शाखा श्योक है।
लघाख श्रृंखला:-
- सिंधु-सांग्पो सीवन क्षेंत्र के उत्तर तथा काराकोरम के दक्षिण, सिंधु नदी एंव श्योक के बीच स्थित है।
जास्कर श्रंणी:-
- मुख्यतः हिमालय पर्वत का पश्चिमी भाग, टांस हिमालय के दक्षिण मे स्थित है।
- जास्कर श्रंणी के उत्तरी पश्चिमी भाग का निर्माण करता है लेकिन इसकी भौगिलिक स्थिती करता है लेकिन इसकी भौगोलिक स्थिती कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एंव गढ़वाल क्षेत्र मे सीमित है।
- इसमे अवस्थित नंगा पर्वत भारत के हिमालय श्रृंखला की द्धितिय सबसे बडी चोटी है।
धौलागिरी:-
- नंगा पर्वत का पुर्वी विस्तार है तथा यह नेपाल मे अवस्थित है।
पीरपंजाल श्रेणीः-
- कश्मीर एंव पंजाब मे अवस्थित तथा इसका विस्तार झेलम नदी से ऊपरी व्यास नदी तक 300 किमी. है।
- कश्मीर की घाटी द्धारा यहह जास्कर श्रेणी से अलग होता है।
धौलाधर श्रेणी:-
- लघु हिमालय की दक्षिणतम श्रेणी
- कहीं कहीं इसकी ऊँचाई 4000 मी. से अधिक है।
- यह पुर्ण मे महाभारत श्रेणी के रूप् में विस्तृत है।
पुर्वाचल:-
- हिमालय श्रेणी, पूर्व मे दिंहाग गॉर्ज को पार करने के बाद उत्तरी दक्षिणी झुकाव के साथ पठार की एक श्रुंखला का निर्माण करते हुए दक्षिण की ओर मुड जाता है।
मिशमी पहाडियाँ:-
- पूर्वाचल पहाडियाँ को उच्चतम श्रृंखला जो अरूणाचल प्रदेश के उत्तरी पूर्वी भाग मे अवस्थित है।
पटकाई बुमः-
- एक अभिनति श्रृंखला अरूणाचल प्रदेश तथा नागालैण्ड मे उत्तर दक्षिण मे विस्तारित है।
नगा पहाडियाँ:-
- नागालैंड़ तथा म्यांमार के बीच जल विभाजक का निर्माण करता है।
मणिपुर पहाडियाँ:-
- कटक तथा घाटी के प्रकार की स्थलाकृति इसकी मुख्य विशेषता है।
- लोकटक झील इसी श्रृंखला मे अवस्थित है।
उत्तरी कछार पहाडियाँः-
- पहाडी क्षेत्र का अधिकतम भाग मेधालय तथा उत्तर पुर्वी श्रेणियों मे अवस्थित है।
मिजो पहाडियाँ:-
- पहले लुशाई पहाडियाँ के नाम से जाना जाता है।
- सीढीनुमा स्थलाकृति इसकी विशेषता है।
त्रिपुरा पहाडियाँ:-
- कटक तथा घाटी वाली स्थालाकृति इसकी विशेषता है।
भौगोलिक अवस्थित के आधार पर हिमालय का वर्गीकरण:-
नाम अवस्थित विस्तार
पंजाब हिमालय सिंधु तथा सतलज के बीच 500 किमी.
कुमायूँ हिमालय स्तलज तथा काली के बीच 320 किमी.
नेपाल हिमालय कली तथा तिस्ता के बीच 800 किमी.
असम हिमालय तिस्ता तथा दिंहाग के बीच 720 किमी.