लाल-पीली मिट्टी
लाल-पीली मिट्टी |
- इस मिट्टी का विस्तार सवाईमाधोपुर, करौली, भीलवाड़ा, टोंक एवं अजमेर जिलों में है।
- इन मिट्टियों का पीला रंग
लौह-ऑक्साइड' के जलयोजन की उच्च मात्रा के कारण
है।
- यह मिट्टी ग्रेनाइट, शिस्ट, नीस इत्यादि चट्टानों के टूटने से
बनी है। इस मिट्टी में ह्यूमस एवं कार्बोनेट पदार्थों की कमी रहती है।
english translet
Red-yellow soil
- This soil is spread in the districts of Sawai Madhopur, Karauli, Bhilwara, Tonk and Ajmer.
- The yellow color of these soils is due to the high amount of iron-oxide 'hydration'.
- This soil is formed by the breakdown of rocks like granite, schist, neis, etc. This soil lacks humus and carbonate materials.