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जीणमाता

जीणमाता

जीणमाता राजस्थान सीकर
जीणमाता 

  • जीणमाता का मंदिर सीकर जिले के रेवासा गाँव के निकट हर्ष पर्वत पर स्थित है। 
  • यह आठवीं सदी में निर्मित मंदिर है जो की चुने , पत्थर और संगमरमर से बना है 
  • जहाँ इनकी अष्ट भुजी प्रतिमा है।
  •  यह मंदिर राजा हट्टड ने बनवाया था। 
  • जीणमाता शाकम्भरी और अजमेर के चौहान राजवंश की कुलदेवी है।
  • हर्षपर्वत के निकट काजल शिखरा' नामक पहाड़ी पर जीण के भाई हर्ष भैरू का थान स्थित है।
  • जीणमाता का स्तुति गीत राजस्थान के लोक साहित्य में सबसे लम्बा गीत माना जाता है इनके मंदिर में दोनों नवरात्रों में मेला भरता है।
  • मुग़ल सम्राट ओरंगजेब ने यहाँ पर अपनी सेनाओ के साथ आक्रमण किया था जिसके प्रमाण आपको हर्षनाथ भैरु के मंदिर में देखने को मिलेंगे 
  • परंतु वह सम्राट वहाँ पर हार गया क्यों की एक मक्खी परिवार की प्रजाति ने ओरंगजेब और  उसकी सेनाओ को घुटने पर ला दिया जिस से वह वहाँ ज्यादा तोड़ फोड़ न कर सका 

Jeenmata

  • The temple of Jeenmata is situated on the Harsh Parvat near Revasa village in Sikar district.
  • This is a temple built in the eighth century, which is made of lime, stone and marble.
  • Where is his eight-armed statue.
  •  This temple was built by King Hattad.
  • Jeenmata is the Kuldevi of the Chauhan dynasty of Shakambhari and Ajmer.
  • The place of Jeen's brother Harsh Bhairu is situated on a hill called Kajal Shikhara near Harshparvat.
  • The song of praise of Jeenmata is considered to be the longest song in the folk literature of Rajasthan, in her temple a fair is held in both the Navratras.
  • The Mughal emperor Aurangzeb had attacked here with his armies, the evidence of which you will see in the temple of Harshnath Bhairu.
  • But that emperor was defeated there because a species of fly family brought Aurangzeb and his armies to their knees, so that he could not do much sabotage there.