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Hast udyog rajasthan



राजस्थान के कुछ महत्वपूर्ण हस्त उद्योग

राजस्थान के कुछ महत्वपूर्ण हस्त उद्योग, Hast udyog rajasthan


मोमबत्ती उद्योग(Candle Manufacturing)

यदि आप किसी ऐसे घरेल उद्योग को शरू करना चाहते है जिसमें आप अपना कछ ही समय देना चाहते हैं. साथ ही यह भी चाहते हैं कि परिवार के दूसरे लोग भी इसे कर सकें तो आप मोमबत्ती उद्योग को शुरू कर सकते हैं। मोमबत्तियाँ वर्ष भर बिकती हैं इसलिए यह उद्योग बारहमासी चल सकता है।

 कच्चा माल :

  1. सूत की बत्ती 
  2. पैराफीन वैक्स
  3. तेल में मिलने वाले रंग 

 मोमबत्तियों का उत्पादन-

लघु उद्योग के रूप में काम शुरू करने की स्थिति में मोमबत्ती बनाने का काम एल्यूमीनियम के सांचों से शुरू किया जा सकता है। अधिक पैसा होने की स्थिति में मोमबत्ती बनाने की मशीन खरीदी जा सकती है। मशीनों से बनने वाली मोमबत्तियाँ चिकनी, चमकदार और एकदम साफ होती हैं।

अगरबत्ती उद्योग (Incense Stick Manufacturing)

 अगरबत्ती उद्योग को आप बहुत कम पूंजी से शुरू कर सकते हैं। अगरबत्ती बनाने के लिए किसी भी प्रकार की मशीनरी की जरूरत नहीं होती है।

कच्चा माल :

  1. चंदन और आगर की लकड़ी
  2.  खस और कपूर कचरी की जड़
  3.  ओलीबानम या लोबान 
  4. फूल और पत्तियाँ 
  5. गोंद और रेजिन
  6. लकड़ी का कोयला व अन्य पदार्थ
उपरोक्त सभी घटकों को मिलाकर आटे की तरह गूथ लिया जाता है और इसे एक चौकी पर फैला दिया जाता है। तीलियों के गटोन पकड़कर चौकी पर फैलाए मसाले पर रगड़ दिया जाता है। मम रगड़ने से तीलियों पर गूंथा हुआ मसाला चढ़ जाता है। कुछ समय तीलियों के सूखने के पश्चात इन्हें डिब्बे में पैक कर लिया जाता है।

दियासलाई उद्योग(Matches Industry)

 इस उद्योग में पूंजी और लागत की बहुत कम आवश्यकता होती है। दैनिक उपयोग की वस्तु होने के कारण इसकी खपत ज्यादा है जिसके कारण इस उद्योग को लगाने की संभावना अधिक है।

 कच्चा माल :

  1. मुलायम लकड़ी या बाँस की तिलियाँ
  2.  कार्डबोर्ड के वीनियर 
  3. आवश्यक रसायन
  4.  दियासलाई का नीला कागज आदि
  5. ग्लू, पानी एवं ग्लास पावडर 

रासायनिक पदार्थ :

  • पोटेशियम क्लोरेट 
  • पोटेशियम बाइकार्बोनेट
  • एंटीमनी सल्फाइट
  • गंधक का पावडर
  • ब्लैक ऑक्साइड ऑफ आयरन
  • मैंगनीज डाई-ऑक्साइड
  • रैड फास्फोरस
  • पैराफीन आदि 

निर्माण प्रक्रिया : 

  • दियासलाई का निर्माण विभिन्न चरणों में होता है -
  • तीलियों तथा वीनियर का निर्माण 
  • डिब्बों का निर्माण 
  • तीलियों के कोनों पर मसाला लगाना 
  • माचिस के बॉक्स की बगलों पर मसाला लगाना
  •  डिब्बों में तीलियों की भराई
  •  डिब्बो पर लेबल लगाकर पैकिंग करना

बेकरी उद्योग (Bakery Industry) .

 आटा गूंथने की मशीन और केक तथा बिस्कुट आदि पकाने के लिए बिजली की भट्टियों के आविष्कार के बाद से बेकरी उद्योग ने बहुत तरक्की की है। इस उद्योग में अनेक व्यक्ति लगे हुए हैं। इसके बावजूद इसकी अपार संभावनाएँ हैं।

इबलरोटी

डबलरोटी अर्थात् ब्रेड हर लोगों का भोजन है क्योंकि पौष्टिक होने के साथ-साथ यह जल्दी पच जाती है। डबलरोटी को बनाने के लिए गेहूं के आटे में खमीर उठाया जाता है। खमीर बनने के दौरान आटे में कार्बनिक एसिड का निर्माण होता है। पकाते समय यह गैस आटे को फुला देती है जिसके कारण आटा हल्का हो जाता है।

कच्चा माल :

गेहूँ का आटा, चिकनाई (मक्खन अथवा घी)
 माल्ट, चीनी, खमीर
नमक, बेकिंग पाउडर आदि

 आवश्यक उपकरण : 

  • बेकरी के लिए भट्टी 
  • . सांचे, लोहे की ट्रे

 निर्माण विधि-

मिश्रण का आटा गूंथना, खमीर उठाना, लोई बनाना,सांचे के अंदर उफान देना तथा सेंकना।

 बिस्कुट

छोटे बच्चों के नाश्ते में या मेहमानों के आने पर बिस्कुटों का इस्तेमाल किया जाता है। बिस्कुट के निर्माण में निम्न पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है। 

कच्चा माल : 

  • गेहूँ का आटा 
  • मक्खन या दूध
  • अरारोट
  • नमक तथा चीनी
  • बेकिंग पावडर 
 बिस्कुट बनाने में बेकिंग पावडर का इस्तेमाल आटे में खमीर उठाने के लिए होता है। इससे बिस्कुट में खस्तापन आ जाता है। सुगंधित और स्वादिष्ट बनाने के लिए बिस्कुट में सुंगध डाली जाती है।
 निर्माण विधि—
निश्चित मात्रा में गेहूँ के आटे में अरारोट मिलाने के बाद इसमें बेकिंग पावडर, मक्खन और घी मिलाकर गूंथ लिया जाता है। इसके बाद इस मिश्रण में चीनी, दूध या पानी या कभी-कभी अंडा मिलाकर तब तक गूंथते हैं, जब तक यह मुलायम और लोचदार नहीं हो जाता।
आजकल इसके लिए गूंथनेवाली मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। गूथे हुए आटे को बेलकर बिस्कुट की मोटाई के बराबर एक चादर बना ली जाती है और बिस्कुट कटर का इस्तेमाल करके मनचाहे आकार का बिस्कुट काट लिया जाता है। कटे हुए बिस्कुट को टीन की चादरों पर रखकर भट्टी में सेंका जाता है।

 खादी, हथकरघा एवं हस्तशिल्प उद्योग-

  1. खादी राजस्थान का परम्परागत घरेलू उद्योग है। इसमें लोगों को अंशकालिक एवं पूर्णकालिक रोजगार के अवसर मिलते हैं। हमारे देश में कुल वस्त्र उत्पादन का लगभग 30% भाग हथकरघा द्वारा उत्पादित होते हैं।
  2. वर्तमान में हैण्डलूम क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  3. हथकरघा उत्पादों को स्पष्ट पहचान देने के उद्देश्य से "हैण्डलूम मार्क” का शुभारम्भ किया गया है।
  4. हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अखिल भारतीय हथकरघा बोर्ड, हस्तशिल्प बोर्ड तथा खादी ग्रामोद्योग आयोग की स्थापना की गई है।
  5. भारतीय हस्तशिल्प देश की विविधता और समृद्धता संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है।
  6. विदेशी मुद्रा अर्जित करने में हस्तशिल्प उद्योग का बहुत बड़ा योगदान है।

Some Important Hand Industries of Rajasthan

Candle Manufacturing

If you want to start any such domestic industry in which you want to devote some of your time. Also, if you want that other family members can also do it, then you can start the candle industry. Candles sell out year-round so this industry can go on perennially.

 raw material :

  1. yarn light
  2. paraffin wax
  3. oil dyes
  4.  Production of candles
Candle making can be started with aluminum molds in case of small scale industries. Candle making machine can be bought in case of more money. Machine-made candles are smooth, shiny and very clean.

Incense Stick Manufacturing

 You can start agarbatti industry with very little capital. No machinery is required to make incense sticks.

raw material :

  1. sandalwood and agar wood
  2.  khus and camphor root
  3.  olibanum or frankincense
  4. flowers and leaves
  5. glue and resins
  6. charcoal and other materials
All the above ingredients are mixed and kneaded like a dough and it is spread on a post. Holding the matchsticks, rubbed on the spices spread on the post. Rubbing Mum adds spice to the matchsticks. After drying the matchsticks for some time, they are packed in boxes.

Matches Industry

 This industry requires very little capital and cost. Being a commodity of daily use, its consumption is high, due to which the possibility of setting up this industry is high.

 raw material :

  1. softwood or bamboo shoots
  2.  Cardboard Veneer
  3. essential chemicals
  4.  match paper
  5. Glue, Water & Glass Powder

Chemical substances:

  • potassium chlorate
  • potassium bicarbonate
  • antimony sulfite
  • sulfur powder
  • black oxide of iron
  • manganese dioxide
  • red phosphorus
  • paraffin etc.
  • manufacturing process :
  • Matchmaking takes place in different stages -
  • Manufacture of matchsticks and veneers
  • manufacture of cartons
  • spice up the corners of the matchsticks
  • seasoning the sides of a matchbox
  •  Stuffing matchsticks in boxes
  •  packaging with labels

Bakery Industry.

 The bakery industry has made a lot of progress since the invention of dough kneading machines and electric furnaces for baking cakes and biscuits etc. Many persons are engaged in this industry. Nevertheless, it has immense potential.

bread

Bread i.e. bread is the food of every people because along with being nutritious, it gets digested quickly. Wheat flour is fermented to make bread. Organic acids build up in the flour during leavening. This gas expands the dough while cooking, due to which the dough becomes light.

raw material :

  1. Wheat flour, lube (butter or ghee)
  2.  malt, sugar, yeast
  3. salt, baking powder etc.
  4.  necessary equipment :
  5. furnace for bakery
  6. . mould, iron tray

 manufacturing method-

Knead the dough, leave it, make dough, pour it into the mold and bake it.

 biscuits

Biscuits are used for small children's breakfasts or when guests arrive. The following substances are used in the manufacture of biscuits.

raw material :

  1. wheat flour
  2. butter or milk
  3. arrowroot
  4. salt and sugar
  5. baking powder
 Baking powder is used to leaven the dough in making biscuits. This makes the biscuits crispy. Fragrance is added to biscuits to make them fragrant and tasty.

 manufacturing method-

  • After adding arrowroot in a certain quantity of wheat flour, baking powder, butter and ghee are mixed in it and kneaded. After this, adding sugar, milk or water or sometimes egg to this mixture, knead it until it becomes soft and elastic.
  • Now a days kneading machine is used for this. The dough is rolled out to make a sheet equal to the thickness of the biscuit and using a biscuit cutter, the desired size of the biscuit is cut. The cut biscuits are placed on tin sheets and baked in a kiln.

 Khadi, handloom and handicraft industries-

  1. Khadi is a traditional domestic industry of Rajasthan. In this, people get opportunities for part time and full time employment. About 30% of the total textile production in our country is produced by handlooms.
  2. Presently handloom sector is playing an important role in the economy of the country.
  3. In order to clearly identify the handloom products, “Handloom Mark” has been launched.
  4. All India Handloom Board, Handicraft Board and Khadi Village Industries Commission have been established to promote handloom products.
  5. Indian handicrafts represent the diversity and richness of the country's culture.
  6. The handicrafts industry has a huge contribution in earning foreign exchange.