जोधपुर जिला
क्षेत्रफल :- 22,850 वर्ग किमी.
प्राचीन नाम :- मरूभुमि, मारवाड और मरूकांतर प्रदेश ENGLISH TRANLATE BOTTOM
भौगोलिक नाम :- मरूस्थल का प्रवेश द्धार, सूर्य नगरी, प्रतापी और वीर योद्धाओ की भुमि
नदियां :- लुनी, जोजरी, गोलासनी, मीठडी
वनस्पति :-
खेजड़ी, बबूल, कमूट और खैर खेजड़ी वृक्ष को बचाने के लिए 1787 में विश्नोई समाज के 363 स्त्रीपुरुषों ने अमृता देवी के नेतृत्व में अपने प्राणों की आहुति दी थी। राज्य का वन और वन्य संरक्षण के क्षेत्र में दिया गया सबसे बड़ा पुरस्कार अमृता देवी पुरस्कार है। यहाँ प्रति वर्ष खेजड़ली गाँव में खेजड़ी वृक्ष मेला भरता है जो विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला है। खेजड़ी वृक्ष को यहाँ दशहरे पर पूजने की प्रथा है। वर्तमान में जोधपुर में केन्द्रीय शुष्क भूमि क्षेत्र अनुसंधान संस्थान स्थित है जो शुष्क भूमि पर अनुसंधान करती है। एक अन्य संस्थान शुष्क वन अनुसंधान संस्थान कार्यरत है जो शुष्क क्षेत्रों में वनों पर काम करती हैं। चूरू के उपरान्त जोधपुर दूसरा न्यूनतम वनों वाला जिला है
वन्यजीव:-
यूरोप का प्रवासी पक्षी कुंरुजा जोधपुर में अधिकांशतः देखने को मिलता है। कुंरुजा के लिए फलौदी तहसील में स्थित खींचन प्रसिद्ध है। राजस्थान में सबसे ज्यादा शिकार निषिद्ध क्षेत्र जोधपर जिले में स्थित हैं। यहाँ डोली, गुढ़ा विश्नोई, फिटकाशनी, देचू, लौहावट साथीन और जम्भेश्वरी शिकार निषिद्ध क्षेत्र हैं। गिद्ध संरक्षण के लिए जोधपुर में रेस्क्यू सेंटर 2011 में स्थापित किया गया। मृगवन.जोधपुर में अमृतादेवी मृगवन और माचिया सफारी मृगवन स्थित है। जोधपुर में एक जन्तुआलय भी स्थित हैए जो गोडावन के कृत्रिम प्रजनन के लिए प्रसिद्ध है। धावा.डोली अभयारण्य में राज्य में सबसे अधिक कृष्ण मृग पाये जाते हैं।
दर्शनीय स्थल :-
1.जोधपुर का किला
इसे मेहरानगढ़ अथवा श्मोरध्वज दुर्ग के नाम से भी जाना जाता है। यह गिरी दुर्ग है जो चिड़ियाँ टूक पहाड़ी पर बना हुआ है। इसकी स्थापना राव जोधा द्वारा 1459 ईण् में की गई। स्पेन की संस्था और राजस्थान के बीच हुए समझौते के अनुसार यहाँ अंतर्राष्ट्रीय संगीत केन्द्र की स्थापना की गई है।
2.मण्डोर
जोधपुर से पूर्व में स्थित मंडोर राठौड़ शासकों की राजधानी है। मंडोर शहर की स्थापना मंदोधर नामक दैत्य राजा ने की जिसने अपनी पुत्री मंदोदरी का विवाह रावण के साथ किया। मंडोर को माण्डव्य ऋषि की तपोभूमि भी माना जाता है।
3.जसवंत थड़ा
यह मेहरानगढ़ दुर्ग के समीप ही स्थित है। यह महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की छतरी है।
4.औसियाँ
जैन व सूर्य मंदिर के लिए विख्यात है। यहाँ सच्चिया माता का मंदिर है और पार्श्वनाथ एवं ब्राह्मणी का मंदिर स्थित है। जोधपुर के मथानिया में विश्व की प्रथम सौर मिश्रित चक्रीय ऊर्जा परियोजना जर्मनी के सहयोग से स्थापित की गईए जिसकी क्षमता 140 मेगावाट है।
5 उम्मेद पैलेस
यह भारत के विशाल राजप्रसादों में शामिल किया जाता है। इसे छीतर पैलेस के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण कार्य 18 नवम्बरए 1928 से प्रारम्भ हुआ और 1940 ई. में बनकर पूरा हुआ। इसकी नीव तत्कालीन शासक उम्मेद सिंह द्वारा रखी गई।6. नेहरू पार्क
इसका निर्माण 1966 ईण् में हुआ। यह जोधपुर शहर के बीच स्थित है।
7. बालसमंद झील
इसका निर्माण 1259 ई में परिहार शासक बालकराव द्वारा करवाया गया।
8. मारवाड़ महोत्सव का दूसरा नाम मांड महोत्सव है। यह महोत्सव जोधपुर में आश्विन माह की शरद पूर्णिमा सितम्बर.अक्टूबर से दो दिन तक मारवाड़ के वीरों की याद में मनाया जाता है। यहाँ भरने वाले मेले में लोक गायक नृत्य संगीत एवं वीरगाथाओं के माध्यम से वीरों का बखान करते हैं।
Other District Rajasthan :-
Jhunjhunu District Jodhpur District Jalor District Barmer District
Pali District Jasilmer District Bhilwara District Karauli District
ENGLISH TRANSLET
Jodhpur District
Vegetation :-
Wildlife :-
Scenic Spots :-
1.Jodhpur Fort
2. Mandore
3.Jaswant Thada
4.ausian
5 Umaid Palace
6. Nehru Park
7. Balsamand Lake
Other District Rajasthan :-