जयपुर जिला
क्षेत्रफल :- 11143 वर्ग किलोमीटर
लोकसभा क्षेत्र :- जयपुर व जयपुर ग्रामीण
प्राचीन नामः- ढूँढाड़ प्रदेश
भौगिलिक नाम :-
- गुलाबी नगरी
- आइलैड ऑफ ग्लोरी
- भारत का पेंरिस
- राजस्थान का हेरिटेज सिटी
- जोलिवुड
नदियॉ :-
बाणगंगा, सांबी, बांडी ,ढुढ ,डाई और मासीदर्शनीय स्थल :-
सिटी पैलेस :-
इसे चद्रंमहल के नाम से भी जाना जाता है सिटी पैलेस का निर्माण सवाई जयसिंह ने करवाया था इसमे प्रवेश के लिए 7 दरवाजे है जिनमे उदयपोल दरवाजा प्रमुख है यह मुगल व राजस्थानी स्थापत्य का मिक्षित नमुना है पैलेस में एक संग्राहलय है जिसमें राजस्थानी पोशाकों व मुगलों तथा राजपूतों के हथियार का बढ़िया संग्रह हैं।
गोविंद देव जी का मंदिर :-
यह चंद्रमहल के पुर्व मे बने जयनिवास उद्यान मे स्थित हैसंरक्षक देवता गोविंदजी की मुर्ति पहले वृंदावन के मंदिर में स्थापित थी जिसको सवाई जय सिंह द्वितीय ने अपने परिवार के देवता के रूप में यहाँ पुनः स्थापित किया था।
जंतर मंतर :-
जंतर मंतर का निर्माण 1718 ईस्वी मे जयपुर के प्रसिद्ध खगोल विशेषज्ञ सवाई जयसिंह द्धारा कराया गया सवाई जयसिंह द्धारा स्थापित 5 वेधशालाओ (जयपुर दिल्ली मथुरा उज्जैन व बनारस ) मे यह जंतर मंतर सबसे बडा है इस वेधशाला का सबसे बडा यंत्र समा्रट यंत्र के नाम से जाना जाता है जिसे विश्व की सबसे बडी सौर घडी के रूप मे प्रसिद्धी प्राप्त है 2010 मे इसे युनस्को के द्धारा विश्व धरोहर की सुची मे शामिल किया गया
हवामहल :-
निर्माण 1799 ई मे सवाई प्रताप सिंह के द्धारा करवाया गया ये पॉच मंजिला ईमारत है इसका वास्तुकार लालचंद्र था इसमे 953 खिडकियाँ है
- प्रथम मंजिल :- शरद मंदिर
- द्धितिय मंजिल :- रतन मंदिर
- तृतीय मंजिल :- विचित्र मंदिर
- चतुर्थ मंजिल :- प्रकाश मंदिर
- पंचम मंजिल :- हवा मंदिर
रामबाग पैलेस :-
रामसिंह द्धितीय ने रामबाग पैलेस का निर्माण अति विशिष्ट एंव सम्मानीय व्यक्तियो के लिए करवाया था
सरगासुली (ईसरलाट) :-
जयपुर के त्रिपोलिया बाजार मे स्थित इस ईमारत का निर्माण सवाई ईश्वरी सिंह ने 1749 मे टोंक के निकट राजमहल के युद्ध मे कोटा बुँदी व मराठो की संयुक्त सेनाओ की पराजित करने के उपलक्ष मे करवाया गया यह 7 मंजिला ईमारत है
रामनिवास बाग :-
इसका निर्माण सवाई रामसिंह द्धितिय ने 1868 मे करवाया था इसी बाग मे रवीद्रं रंगमंच अलबर्ट हॉल म्युजियम व चिडियाघर स्थित है
जयगढ :-
आमेर मे स्थित जयगढ का निर्माण मिर्जा राजा जयसिंह ने करवाया था यहाँ तोपे डालने का कारखाना स्थित था एशिया की सबसे बडी तोप जयबाण यहाँ पर स्थित है इस तोप की स्थापना सवाई जयसिंह के द्धारा की गई थी
नाहरगढ का किला :-
इस किले का निर्माण सवाई जयसिंह ने करवाया था सवाई माधोसिंह ने इस किले मे अपनी नौ ख्वासनो के लिए एक जैसे 9 महल निर्मित करवाये थे जो नाहरगढ का किला दो मंजिला किला है जिसमे प्रत्येक महल भी दो ही मंजिल के है तथा प्रत्येक महल के दरवाजे पर राजाओ के नाम अंकित किए हुए है
अलर्बट हॉल म्युजियम :-
भारतीय एंव फारसी शैली मे बनी इस इमारत का शिलान्यास रामसिंह द्धितीय ने करवाया था इसका उद्घाटन तत्कालीन भारतीय गर्वनर जनरल के ऐजेन्ट सर एडवर्ड ब्रेडफोर्ड ने किया
गेटोर की छतरियाँ :-
ये छतरिया नाहरगढ किले के नीचे स्थित है यह छतरिया जयपुर के शासको की स्मारक है
सिसोदिया रानी का बाग व पैलेस :-
जयपुर से 8 किलोमीटर की दुरी पर पहाडियो के मध्य स्थित है यह महल मैसुर के वृदांवन गार्डन के समान लगते है इसका निर्माण सवाई जयसिंह ने करवाया था
जलमहल :-
जयपुर से आमेर जाने वाले मार्ग पर मानसागर झील के मघ्य इस भव्य महल का निर्माण सवाई जयसिंह ने करवाया यह महल चारो और से पानी से घिरा हुआ है
कनक वृंदावन :-
जलमहल के निकट स्थ्ति मंदिर का निर्माण सवाई जयसिंह ने करवाया था यह वृदांवन अंत्यत खुबसुरत है इसमे अनेको फुलो की क्यारिया उपस्थित है
आमेर :-
हिंदु व फारसी शैली मे निर्मित आमेर के भव्य महलो का निर्माण राजा मानसिंह प्रथम ने 17 वीं शताब्दी मे प्रांरभ मे करवाया था जो सवाई जयसिंह द्धितिय के शासनकाल तक चला आमेर 700 वर्षा तक कछवाहो की राजधानी रहा है यहाँ स्थित किला शीशमहल जगत शिरोमणी मंदिर तथा यहाँ अत्यधिक सैलानी शिला माता के दर्शन व यहाँ की खुबसुरती का आंनद लेते है यह अत्यधिक सुंदर व विशालमयी किला है।
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